वैष्णवी भवानी माँ के हाथों में जग की डोर

  • vaishnavi bhavani maa ke haathon mein jag ki dor

वैष्णवी भवानी माँ के हाथों में जग की डोर
माँ के ही संकेत पे हो दिन रैन साँझ और भौर,
संसार का आधार है वैष्णो माता,
ममता रूपी सार है, वैष्णो माता,

अपरम्पार हैं माँ की महिमा,
अमित हैं गाथा गौरव गरिमा,
संसार का संचार है वैष्णो माता
संसार का निर्माण है वैष्णो माता

नवदेवी का रूप है माँ,
महाशक्ति स्वरूप है माँ
पालनहारी है माँ त्रिकुटा,
कहीं छाँव कहीं कहीं धूप है माँ,
रंग केसरिया माँ का बाला,
सिन्दूरी रंग अंग सुहाना,
संसार का संचार है वैष्णो माता,
संसार का निर्माण है वैष्णो माता

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