माँ तू आंबे मेरी माँ जगदबे मेरी

  • maa tu ambe meri maa jagdambe meri

माँ तू आंबे मेरी माँ जगदबे मेरी,
आरती उतारे आज हम सब तेरी,

पान सुपारी ध्वजा नारियल तेरी भेट चढ़ाये,
लाल चवर तेरे अंग विराजे केसर तिलक लगाए,
माँ तू आंबे मेरी माँ जगदबे मेरी….

ब्रह्मा वेद पड़े तेरे द्वारे शंकर ध्यान लगावे,
बर्मा रुद्राणी तेरी महिमा हम सब गावे,
माँ तू आंबे मेरी माँ जगदबे मेरी

उज्वल से दो नैनन में तेरे मैया तीनो लोक समाये,
सतयुग रूप सील अति सूंदर नाम सती कहलाये,
माँ तू आंबे मेरी माँ जगदबे मेरी

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