मेरी विपदा टाल दो आकर हे जग जननी माता

  • meri vipda taal do aakar he jag janani mata

मेरी विपदा टाल दो आकर,
हे जग जननी माता,

तू वरदानी है आद भवानी है ॥
क्या में तेरा लाल नहीं हूँ,
क्या तू माँ नहीं मेरी,
फिर क्यों लगाई देरी,
तू ही कहदे है ये कैसा,
माँ बेटे का नाता,
शेरों वाली माता…..

में अज्ञानी हूँ, मूरख प्राणी हूँ,
जिस पर भी तुमने ओ मेरी मैया,
दरिष्टि दया की डाली,
उसकी मिटी कंगाली,
तेरे दर पे आकर प्राणी,
मुँह माँगा वर पाता,
मेहरो वाली माता,
हे जग जननी माता….

मात भवानी हो जग कल्याणी हो,
लख्खा तेरे दर पे आया,
धूल चरण की पाने,
सोया भाग्य जगाने,
तेरी चौखट छोड़ के शर्मा,
और कहाँ अब जाता,

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