शेरोवाली बुलालो हमे भी दवार आने के काबिल नही है

  • sherovali bulalo hume bhi dawar aane ke kabil nhi hai

शेरोवाली बुलालो हमे भी दवार आने के काबिल नही है,
हम गुनाहागार है माफ कर दो सर उठाने के काबिल नही है,

गम ने मारा है गम ने सताया गम ने हमको परेशा किया है
गम मे हम इस कदर दब चुके है सर उठाने के काबिल नही,

गरदीशो मे हम एेसे फसे है जैसे बादल मे चनदा छिपा है,
जुलम को ठहा रहा है जमाना जो बयाने के काबिल नही,

हमको परवाहा नही है जमाना रुठता तो रुठे खुशी से,
एक सलाहा है ना तुम रुठ जाना हम मनाने के काबिल नही है,

मुशकिल अब आके पथरा गई है धङकनो का भरोसा नही,
जिनदगी मौत से लड रही है लब हिलाने के काबिल नही है,

दिल मे आजाअो महेमान बनकर दिल है के मानता ही नही,
दरद ऐ दिल का बडा जा रहा जो दवाने के काबिल नही है

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